आखिरकार देश में हिंदू मुस्लिम में तनाव पैदा कौन कराता?
पत्रकार डिंपल राणा की कलम से
जब से भारत देश ब्रिटिश शासन से आजाद हुआ है तभी से भारत से पाकिस्तान एक अलग देश बना पहले पूरा भारत एक था ।लेकिन आजादी के समय से पहले ही कुछ अंग्रेजों को पता था कि भारत में हिंदू मुस्लिम में फूट डलवाने से उनको फायदा है । फूट डलवाना और गुलाम बनाना यह अंग्रेजों का रिवाज था, क्योंकि हमारे भारत देश में आजादी से पहले भी सभ्यता थी ,और आज भी है, और आगे भी रहेगी । भारत एक ऐसा देश है जहां तहज़ीब है ,सभ्यता है, मान सम्मान है ।विश्व में किसी भी देश का इतिहास उठाकर देख ले भारत की परंपरा के मुकाबले सब फीके हैं । हमारे देश में क्रांतिकारी हैं, देशभक्त हैं ,अपनी धरती मां पर मर मिटने को हर नागरिक तैयार है । वह पहले की समय था जब कुछ लोगों की वजह से भारत देश को इतने सालों तक ब्रिटिश शासन के अधीन रहना पड़ा । इतिहास गवाह है की हिंसा अहिंसा के महायुद्ध में देश को आजादी लगभग 30 साल लेट मिली। यह बात पूरा भारत वर्ष जानता है कि हिंसा ही एकमात्र सहारा होता कुछ लोगों को सही करने का क्योंकि लातों के भूत बातों से नहीं मानते । मैं नहीं कहती की हिंसा करो कोई भी युद्ध हो तो पहले अहिंसा से काम करना चाहिए लेकिन जब अति हो जाए तो क्या हिंसक होना सही नहीं? सामने वाले का अत्याचार सहना भी उतना ही बड़ा गुनाह है जितना करने वाले का होता है।यह बात महात्मा गांधी भी जानते थे क्योंकि वह राष्ट्रपिता है देश के। बड़े ही आदर्शवादी इंसान थे महात्मा गांधी भी कहते थे अत्याचार सहने वाला भी उतना ही बड़ा अपराधी होता है जितना अत्याचार करने वाला होता है। तो फिर क्यों गांधी जी ने अपना नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट वापस लिया था ,चोरी चोरा में जो कांड हुआ था उसकी वजह से या फिर कोई और ही वजह रही होगी ?भारत देश के वीर क्रांतिकारी भगत सिंह हमेशा से हिंदू मुस्लिम एकता चाहते थे और वह वैसा करते भी थे ।तो क्यों ब्रिटिश शासन को इस चीज का डर था कि हिंदू मुस्लिम एकता उनके लिए खतरा है । फूट डलवाना और भड़का के काम कराना वो लोग करते हैं जिनका कोई वजूद नहीं होता ,जो हक के लिए लड़ते हैं उनको इन सब हथ कंडो की कोई जरूरत नहीं पड़ती । हमारे देशवासियों ने लूटना नहीं जीतना सीखा है। लूटना चोरी करना हमारे भारतवासी नहीं करते । दबा के रखना और गुलाम बना के रखना नपुंसको का काम होता है ,जो काम फूट डलवाने का पहले अंग्रेज करते थे आज वही हमारे यहां कुछ नेता करते हैं सिर्फ सत्ता में रहने के लिए बस कॉम को निशाना बनाते हैं ऐसे नेता। राजनीति देश को चलाने के लिए है लेकिन कुछ भड़काऊ भाषण देने वाले नेताओं ने इसे धंधा बना लिया है । मैं एक पत्रकार हूं और मैं नहीं चाहती कि हिंदू मुस्लिम में कोई तनाव हो सबको बराबर का दर्जा संविधान में मिला है तो आराम से रहे । किसी भी ऐसे नेता को ना सुने जो फूट डलवाने की कोशिश करते हैं। ब्रेनवाश करने वाले लोगों से दूर रहे।पॉजिटिव थिंकिंग यह कहती है कि आम जनता में कोई किसी भी कॉम का है उसे संविधान के अंदर बराबर का दर्जा मिला है आर्टिकल 15 के अंदर। राजनेता मुद्दों पर तो बात करते नहीं बेरोजगारी पर ,किसानों पर, शिक्षा पर ,देश में इतने बड़े बड़े मुद्दे हैं उन पर बात नहीं करेंगे। लेकिन जिस चीज से तनाव पैदा हो देश के अंदर ऐसे मुद्दे पर कॉम को निशाना साधने की कोशिश करते हैं। कोई भी कॉम है माइनॉरिटी और मेजॉरिटी की बात में क्यों पड़ते हैं। हर इंसान जब पैदा होता है अपना वजूद लेकर पैदा होता है । नेगेटिव लोगों से दूर रहें और हमेशा पॉजिटिव चीजों पर ध्यान दें । एनवायरनमेंट ऐसा क्रिएट करें अपने पास कि किसी के भड़काऊ भाषण से आप अपनी कौम के बीच में तनाव पैदा ना होने दें । कुछ छोटी सोच के नेता भी होते हैं जो कहते हैं आर एस एस से मुस्लिमों को खतरा ?क्यों ऐसा क्या खतरा है? सत्ता में इस समय मोदी सरकार है और वह भारत वासियों के लिए काम कर रही है चाहे वह हिंदू हो या मुस्लिम । तो फिर क्यों यह बात आ जाती है आर एस एस से खतरा है । यह बात वही लोग बोलतेे हैं जो एकता ही नहीं चाहते और जो एकता नहीं चाहते वह सिर्फ चन लोग हैं जो सिर्फ सत्ता में रहने के लिए ऐसा बोलते हैं। khabaronkasilsila.blogspot.comसोच बदलो तभी तो देश बदलेगा।
जय हिंद जय भारत।
Truu
जवाब देंहटाएंGood job
जवाब देंहटाएंVery good
जवाब देंहटाएंV Nice
जवाब देंहटाएंGood Observation
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