परवाज एक जख्मी पंछी की
khabaronkasilsila.blogspot.com
पत्रकार डिंपल राणा की कलम से ✒
परवाज एक जख्मी पंछी की
Book launched (Parwaz)By Mohit Chahaun.
मोहित चौहान ने अपने लेखनी की शुरुआत काफी सालों पहले ही शुरू कर दी थी ,और यहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने बेहद कठिनाइयों का सामना किया ,और अपनी मंजिल तक आखिरकार वह पहुंच ही गए । मोहित चौहान लेखक होने के साथ-साथ एक बहुत ही अच्छे इंसान हैं ,और सकारात्मक सोच वाले अपनी कविताओं से वह लोगों का दिल जीत लेते हैं । मोहित ने अपने कैरियर के दौर में उन सभी कठिनाइयों का सामना बहुत ही हौसलों के साथ किया । वो कहते हैं ना विकलांगता शरीर में नहीं सोच में होती है ,अगर आपकी सोच सकारात्मक रहेगी तो आप लोग कभी भी विकलांग नहीं कहलाएंगे ।मोहित चौहान उन सभी लोगों के लिए बहुत बड़ा उदाहरण है जो अपनी डिसेबिलिटी को अपना अवगुण मानते हैं, और नेगेटिव सोच की वजह से आगे नहीं बढ़ पाते। नेचुरली भगवान ने अगर कोई कमी दे दी है या फिर कोई बीमारी आपको जकड लेती है ,तो हिम्मत ना हारे ,डटकर सामना करें। इस दुनिया में कोई ऐसी चीज नहीं जिसका कोई तोड़, नहीं। मोहित चौहान उन सभी लोगों के लिए एक मिसाल कायम करते हैं जो जिंदगी से ,अपनी डिसेबिलिटी से, हार मान के कुछ नहीं कर पाते।
पत्रकार डिंपल राणा की कलम से ✒
परवाज एक जख्मी पंछी की
Book launched (Parwaz)By Mohit Chahaun.
मोहित चौहान ने अपने लेखनी की शुरुआत काफी सालों पहले ही शुरू कर दी थी ,और यहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने बेहद कठिनाइयों का सामना किया ,और अपनी मंजिल तक आखिरकार वह पहुंच ही गए । मोहित चौहान लेखक होने के साथ-साथ एक बहुत ही अच्छे इंसान हैं ,और सकारात्मक सोच वाले अपनी कविताओं से वह लोगों का दिल जीत लेते हैं । मोहित ने अपने कैरियर के दौर में उन सभी कठिनाइयों का सामना बहुत ही हौसलों के साथ किया । वो कहते हैं ना विकलांगता शरीर में नहीं सोच में होती है ,अगर आपकी सोच सकारात्मक रहेगी तो आप लोग कभी भी विकलांग नहीं कहलाएंगे ।मोहित चौहान उन सभी लोगों के लिए बहुत बड़ा उदाहरण है जो अपनी डिसेबिलिटी को अपना अवगुण मानते हैं, और नेगेटिव सोच की वजह से आगे नहीं बढ़ पाते। नेचुरली भगवान ने अगर कोई कमी दे दी है या फिर कोई बीमारी आपको जकड लेती है ,तो हिम्मत ना हारे ,डटकर सामना करें। इस दुनिया में कोई ऐसी चीज नहीं जिसका कोई तोड़, नहीं। मोहित चौहान उन सभी लोगों के लिए एक मिसाल कायम करते हैं जो जिंदगी से ,अपनी डिसेबिलिटी से, हार मान के कुछ नहीं कर पाते।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें