लोकडाउन के दौरान दिल्ली के आनन्द विहार टर्मिनल में हजारों की भीड़
#Lockdown#Coronavirus#AnkitaGoyal
टीवी पर आ कर दिल्ली के CM और डेप्युटी CM कह रहे हैं जो जहाँ हैं वहीँ रहे. सबको शेल्टर और खाना दिया जाएगा.
लेकिन क्या उनकी बात आनंद विहार में पैसों और भोजन के अभाव में खड़ी भीड़ सुन रही है? कैसे सुनेगी क्योंकि उनके पास टीवी नहीं है वहां पर, कैसे सुनेगी क्योंकि उन्हें ये फ़िक्र है अपने परिवार को भूख से बचाकर गाँव ले जाने की.
हमने देखा DTC में भर कर लोगों को यूपी बॉर्डर पर उतारा गया. ऐसा नहीं है कि वहां हज़ारों भीड़ यूँ ही इकट्ठी हो गई. रास्ता एक ही था. अगर आपने शेल्टर की व्यवस्था की थी तो DTC में भर कर उनलोगों को शेल्टर तक ले जाते न कि उन्हें यूपी बॉर्डर पर छोड़ कर आते
अगर उनके लिए शेल्टर होता तो उन रास्तों पर कड़ी पुलिस उन्हें रोकती और कहती कहीं मत जाओ, चलो तुम्हे शेल्टर होम ले चलते हैं, वहां खाना पीना सब मिलेगा. .. लेकिन नहीं, DTC बसें लोगों को आ कर यूपी बॉर्डर पर उतार रही है.
और टीवी पर आ कर दिल्ली के CM और डेप्युटी CM कह रहे हैं जो जहाँ हैं वहीँ रहे. सबको शेल्टर और खाना दिया जाएगा. .. अगर इन्हें खाना और शेल्टर मिलता तो ये आनंद विहार में नहीं खड़े होते. रात के अँधेरे में अपने अँधेरे भविष्य और अँधेरे वर्तमान के साथ.
टीवी पर आ कर दिल्ली के CM और डेप्युटी CM कह रहे हैं जो जहाँ हैं वहीँ रहे. सबको शेल्टर और खाना दिया जाएगा.
लेकिन क्या उनकी बात आनंद विहार में पैसों और भोजन के अभाव में खड़ी भीड़ सुन रही है? कैसे सुनेगी क्योंकि उनके पास टीवी नहीं है वहां पर, कैसे सुनेगी क्योंकि उन्हें ये फ़िक्र है अपने परिवार को भूख से बचाकर गाँव ले जाने की.
हमने देखा DTC में भर कर लोगों को यूपी बॉर्डर पर उतारा गया. ऐसा नहीं है कि वहां हज़ारों भीड़ यूँ ही इकट्ठी हो गई. रास्ता एक ही था. अगर आपने शेल्टर की व्यवस्था की थी तो DTC में भर कर उनलोगों को शेल्टर तक ले जाते न कि उन्हें यूपी बॉर्डर पर छोड़ कर आते
अगर उनके लिए शेल्टर होता तो उन रास्तों पर कड़ी पुलिस उन्हें रोकती और कहती कहीं मत जाओ, चलो तुम्हे शेल्टर होम ले चलते हैं, वहां खाना पीना सब मिलेगा. .. लेकिन नहीं, DTC बसें लोगों को आ कर यूपी बॉर्डर पर उतार रही है.
और टीवी पर आ कर दिल्ली के CM और डेप्युटी CM कह रहे हैं जो जहाँ हैं वहीँ रहे. सबको शेल्टर और खाना दिया जाएगा. .. अगर इन्हें खाना और शेल्टर मिलता तो ये आनंद विहार में नहीं खड़े होते. रात के अँधेरे में अपने अँधेरे भविष्य और अँधेरे वर्तमान के साथ.
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